दिल्ली: पूर्व केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री और राज्यसभा सदस्य शिवप्रताप शुक्ल, बांसगांव से कमलेश पासवान और सदर से सांसद रविकिशन अखिल एम्स बोर्ड के सदस्य के तौर पर तीनों सांसद एम्स की व्यवस्था पर निगरानी रखेंगे। पूर्व केंद्रीय मंत्री शिवप्रताप शुक्ल ने कहा कि गोरखपुर का एम्स पूर्वी उत्तर प्रदेश ही नहीं पूरे पूर्वांचल और पश्चिमी बिहार के लिए भी वरदान है। पूर्वांचल और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जो मरीज इलाज के दिए दिल्ली, मुंबई सहित देश के अन्य महानगरों में भटकते थे। उन्हें गोरखपुर एम्स के रूप में एक बड़ी सौगात मिल गई है। सांसद कमलेश पासवान ने कहा कि गोरखपुर एम्स की स्थापना जिस उद़देश्य से की गई है बोर्ड सदस्य के तौर पर वह उन उद़देश्यों को पूरा कराने में भरपूर योगदान देंगे। सांसद रविकिशन ने कहा कि बोर्ड के सदस्य के तौर पर उनकी जिम्मेदारी होगी कि एम्स में गरीब और समाज के सभी वर्गों को बिना किसी भेदभाव और बाधा के अच्छा और समुचित इलाज मिले। उन्होंने कहा कि एम्स पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए बड़ी सौगात है। आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) गोरखपुर के बोर्ड के सदस्य चुने गए हैं। उनके नामों की घोषणा कमश: राज्यसभा और लोकसभा सचिवालय से की गई। राज्यसभा सचिवालय से 13 मार्च को जारी पत्र में बताया गया है कि पूर्व मंत्री शिवप्रताप शुक्ल को एम्स बोर्ड का सदस्य चुना गया है। इसी तरह लोकसभा सचिवालय से सांसद कमलेश पासवान और सांसद रविकिशन के नामों की घोषणा हुई। एम्स बोर्ड के सदस्य के तौर पर तीनों सांसद एम्स की व्यवस्था पर निगरानी रखेंगे। पूर्व केंद्रीय मंत्री शिवप्रताप शुक्ल ने कहा कि गोरखपुर का एम्स पूर्वी उत्तर प्रदेश ही नहीं पूरे पूर्वांचल और पश्चिमी बिहार के लिए भी वरदान है। पूर्वांचल और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जो मरीज इलाज के दिए दिल्ली, मुंबई सहित देश के अन्य महानगरों में भटकते थे। उन्हें गोरखपुर एम्स के रूप में एक बड़ी सौगात मिल गई है। सांसद कमलेश पासवान ने कहा कि गोरखपुर एम्स की स्थापना जिस उद़देश्य से की गई है बोर्ड सदस्य के तौर पर वह उन उद़देश्यों को पूरा कराने में भरपूर योगदान देंगे। सांसद रविकिशन ने कहा कि बोर्ड के सदस्य के तौर पर उनकी जिम्मेदारी होगी कि एम्स में गरीब और समाज के सभी वर्गों को बिना किसी भेदभाव और बाधा के अच्छा और समुचित इलाज मिले। उन्होंने कहा कि एम्स पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए बड़ी सौगात है।
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