गाजीपुर जिले के शक्करपुर में तेंदुए को पकड़ लिया गया। वह अब्बासनगर के पास एक झाड़ी में छिपा था। ड्रोन कैमरे की मदद से उसकी लोकेशन का पता चला। तेंदुए को पकड़ने के लिए गोरखपुर और महराजगंज वन विभाग की टीम भी लगी थी। दस दिन पहले सुसुंडी गांव में एक तेंदुए को ग्रामीणों ने मार डाला था।
नोनहरा क्षेत्र के शक्करपुर निवासी सुभाष राम कल खेत में जा रहे थे तभी खेत में एक तेंदुआ दिखाई पड़ा। सुभाष ने पीआरबी 112 नंबर पर फोन करने के साथ डीएफओ और थानाध्यक्ष को भी सूचना दी। इसके बाद जिला वनाधिकारी गिरीशचंद्र त्रिपाठी टीम के साथ पहुंच गए। थोड़ी देर में डीएम समेत अन्य अधिकारी और कई थानों की फोर्स भी गांव पहुंच गई।तेंदुआ जिस इलाके से होकर गुजरा है, उस इलाके में चारों तरफ से नाकाबंदी की जा रही है। खेतों को चारों ओर से जाली से घेरा जा रहा है। वन विभाग के अधिकारियों के साथ ग्रामीण भी उनका भरपूर सहयोग कर रहे हैं। एक हफ्ते पहले भी तेंदुए के हमले से कई ग्रामीण जख्मी हो गए थे। उसे ग्रामीणों ने घेर कर मार डाला था।
तेंदुआ गेहूं के जिस खेत में छिपा था, उसके चारों तरफ जाल लगा दिया गया। शोर होने पर तेंदुआ जाल के नीचे से निकलकर बगल के गांव अब्बासनगर के पास स्थित झाड़ी में जा छिपा। बाद में उसे ड्रोन कैमरे की मदद से खोजा गया और जिस झाड़ी में छिपा था उसे चारों तरफ से जाल से घेर कर पिजड़ा भी लगा दिया गया।
गोरखपुर और महराजगंज डीएफओ की टीमें भी ट्रैक्यूलाइजर गन के साथ सतर्क थी। कड़ी मशक्कत के बाद वन कर्मियों ने तेंदुए को अब्बासनगर के पास एक झाड़ी से दबोच लिया। हालांकि तेंदुए के हमले में एक वनकर्मी घायल हो गया। ग्रामीणों के अनुसार 15 अप्रैल को एक तेंदुआ नगवां नवपुरा गांव के पास दिखाई दिया था। सीओ कासिमाबाद ने बताया कि ड्रोन कैमरे से तेंदुए के होने की पुष्टि के साथ ही घेरेबंदी की गई है।
पकड़े गए तेंदुआ को बृहस्पतिवार को महराजगंज जिले के मधवलिया जंगल में छोड़ दिया गया। छोड़े जाने से पूर्व पशु चिकित्सकों की तीन सदस्यीय टीम ने तेंदुए का स्वास्थ्य परीक्षण किया। वह लगभग चार साल का था और पूरी तरह स्वस्थ था।
बता दें कि नोनहरा थाना क्षेत्र के कई गांवों के ग्रामीण तेंदुए को लेकर दहशत में थे। वह कभी दिखाई देता तो कभी गायब हो जा रहा था। वन विभाग के लोग भी उसकी तलाश में थे। कल शक्करपुर गांव में तेंदुए की मौजूदगी की खबर लगते ही वन विभाग और कई थानों की फोर्स के साथ डीएम स्वयं मौके पर पहुंच गए थे। जानकारी मिलने पर ट्रेंक्यूलाइजर गन के साथ महराजगंज के वनकर्मी भी आ गए।
चिकित्सकों की टीम में गोरखपुर स्थित चिड़ियाघर के पशु चिकित्साधिकारी डॉ योगेश प्रताप सिंह की अगुआई में दो चिकित्सक तथा एक गाजीपुर के शामिल थे।उसे पूरी तरह स्वस्थ पाए जाने के बाद एक रेंजर तथा दो वन दरोगा की टीम ने वाहन से ले जाकर बृहस्पतिवार को महाराजगंज के वन्य जीव प्रभाग सोहाजी वरवा स्थित मधवलिया रेंज के जंगलों में छोड़ दिया।
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