गोरखपुर : शहर का झोलाछाप महराजगंज के एक कोरोना मरीज का इलाज पांच दिनों तक करता रहा लेकिन स्वास्थ्य विभाग को इसकी भनक तक नहीं लग सकी। बृहस्पतिवार को जब रिपोर्ट आई तो विभाग को जानकारी हुई। आनन-फानन में विभाग की टीम झोलाछाप के हॉस्पिटल पर पहुंची, तब तक कोरोना पॉजिटिव मरीज के साथ ही बुद्धा हॉस्पिटल का संचालक सहित अन्य कर्मी भाग निकले।
हॉस्पिटल का पंजीकरण भी नहीं है, इस बीच एक कर्मी विभाग की पकड़ में आया और पूरे मामले की जानकारी दी। विभाग ने कूड़ाघाट के पीपलडाड़ा मोहल्ले और झोलाछाप के हॉस्पिटल को सील करते हुए हॉटस्पॉट घोषित कर दिया है।
जानकारी के मुताबिक महराजगंज के पनियरा का रहने वाला 39 वर्षीय व्यक्ति कूड़ाघाट के पीपलडाड़ा के एक झोलाछाप के क्लीनिक पर अपना इलाज कराने पांच दिन पूर्व आया था। इससे पूर्व उसने कोरोना जांच के लिए अपना नमूना महराजगंज में दिया था। नमूना देने के बाद पेट में दर्द हुआ तो इलाज के लिए परिवार के आठ सदस्यों के साथ गोरखपुर आ गया।
इस बीच उसका इलाज पीपलडाड़ा के एक झोलाछाप के यहां शुरू हो गया। बृहस्पतिवार को उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो महराजगंज प्रशासन ने इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग गोरखपुर को दी। सूचना मिलने के बाद जब तक विभाग हरकत में आता तब तक झोलाछाप अपना क्लीनिक बंद करके फरार हो गया। इतना ही नहीं उसने कोरोना पॉजिटिव मरीज को भी भगा दिया। झोलाछाप के मोबाइल नंबर पर जब संपर्क करने की कोशिश विभाग ने की तो उसका नंबर स्विच ऑफ मिला।
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