कुशीनगर : तरयासुजान थाना क्षेत्र के जवही नरेंद्र गांव में घर में सो रहे पति-पत्नी व दो मासूम बच्चों को जिंदा जलाने की कोशिश की गई। चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोगों ने उन्हें बाहर निकाला और जिला अस्पताल भेजवाया। वहां पहुंचते ही पांच साल के बच्चे की मौत हो गई। 90 फीसदी तक झुलस चुके शेष तीनों को गंभीर हालत में मेडिकल कॉलेज भेजा गया है। पुलिस मामले की छानबीन में जुटी है।
तरयासुजान थाना क्षेत्र के जवही नरेंद्र गांव के रहने वाले सेवानिवृत्त दरोगा श्यामसुंदर (65 वर्ष) अपनी दूसरी पत्नी सरोज (35 वर्ष) और उसके बच्चों परी उर्फ राधिका (5 वर्ष), अविनाश (15 वर्ष) के साथ पुराने मकान से 50 मीटर दूर पक्की दीवार पर टिनशेड डालकर रहते हैं। रविवार की रात वह इसी कमरे में पत्नी व बच्चों के साथ सो रहे थे। आधी रात के बाद किसी ने छत का टिनशेड तोड़कर ऊपर से कमरे में आग लगा दी। लपटें महसूस होने पर श्यामसुंदर की नींद खुल गई और कमरे में सोए मासूमों के साथ पत्नी को लेकर निकलने का प्रयास किया तो बाहर से दरवाजा बंद था। इस पर सभी चीखने लगे तो बगल में रहने वाले लोगों की नींद खुली। दरवाजा खोलकर वे अंदर पहुंचे। जब तक उन्हें बाहर निकाला गया, श्यामसुंदर, उनकी दूसरी पत्नी सरोज और दोनों मासूम बुरी तरह झुलस चुके थे। सभी को सीएचसी तमकुही भेजवाया गया और पुलिस को सूचना दी गई। सीएचसी तमकुही से सभी को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। वहां मासूम परी उर्फ राधिका की मौत हो गई। अन्य सभी की हालत गंभीर देख डॉक्टरों ने बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर रेफर कर दिया।
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