गोरखपुर : जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पांडियन ने जिले में कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या और सरकारी अस्पताल में बेड कम होने की वजह से 10 निजी चिकित्सालय को कोरोना पॉज़िटिव मरीजो को भर्ती करने का स्पष्ट आदेश जारी किया।अभी तक इस आदेश पर निजी चिकित्सालय कोई प्रभावी कदम नहीं उठा रहे हैं।
20 जुलाई को जिलाधिकारी ने जिले के 10 निजी चिकित्सालय को पत्र के माध्यम से अवगत कराया था कि कोरोना संक्रमित की बढ़ती संख्या के मद्देनजर इन चिकित्सालय में भी कोविड-19 आइसोलेशन वार्ड बनाकर कोरोना पॉजिटिव मरीजों को भर्ती किया जाए। लेकिन जिलाधिकारी के स्पष्ट आदेश के बाद भी अभी तक डीएम द्वारा चयनित किसी भी निजी चिकित्सालय में मरीजों की भर्ती शुरू नहीं हुई। सभी अस्पताल मरीजों के साथ टालमटोल का रवैया अपना रहे हैं। इन अस्पतालों को सरकार द्वारा निर्धारित दर पर ही मरीजों से भुगतान लेने का भी आदेश हुआ था।जबकि अस्पताल मोटी कमाई के आदी हो चुके हैं शायद सरकारी दर पर मरीजों से पैसा लेने का आदेश उन्हें नागवार गुजरा इस वजह से भी हो सकता है कि वह टालमटोल का रवैया अपना रहे हैं। जिलाधिकारी द्वारा चयनित अस्पतालों की सूची निम्न है
1. सावित्री हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर
2.राणा हॉस्पिटल
3.सिटी हॉस्पिटल
4.आनंद लोक मेडिकल रिसर्च सेंटर प्राइवेट लिमिटेड
5.स्टार हॉस्पिटल प्राइवेट लिमिटेड
6.न्यू उदय मेडिकल सेंटर
7.पल्स हॉस्पिटल
8.आर्यन हॉस्पिटल
9.दिव्यमन हॉस्पिटल एंड सर्जिकल मेटरनिटी होम
10.गर्ग हॉस्पिटल
इन अस्पतालों के अलावा पादरी बाजार स्थित फातिमा हॉस्पिटल कोरोना पॉज़िटिव मरीजो को भर्ती कर रही है पर ₹8000/ और ₹13000/ की 2 कैटेगरी होने की वजह से आम आदमी का उस हॉस्पिटल में भर्ती होना मुमकिन नहीं।
जबकि इस मामले में निजी अस्पतालों के प्रबंधकों का कहना है कि प्रशासन ने आनन-फानन में आदेश जारी किया है।हमें तैयारी के लिए समय चाहिए।
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