डॉ0 एस0 चंद्रा
गोरखपुर : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के खिलाफ मुरादाबाद में दर्ज मुकदमा वापस लेने की मांग कर रहे सपा नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। रविवार को सपा जिलाध्यक्ष नगीना प्रसाद साहनी के नेतृत्व में अखिलेश यादव के खिलाफ दर्ज मुकदमे को वापस लेने की मांग को लेकर राज्यपाल के नाम का ज्ञापन कमिश्नर को देने के लिए निकले।
सपा कार्यालय से गांधी प्रतिमा पर मौन धारण कर विरोध जताने जा रहे पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को पुलिस प्रशासन ने रोक दिया। इस दौरान पुलिसकर्मियों से उनके हल्की नोकझोंक भी हुई। इसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
ज्ञापन में कहा गया था कि सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के प्रेस कान्फ्रेस के समाप्त होने के बाद दो पत्रकारों द्वारा सुरक्षा घेरा तोड़ने की कोशिश की गई। इस दौरान उनके सुरक्षाकर्मियों के द्वारा रोकने पर धक्का-मुक्की हो गई, जिसके बाद सुरक्षाकर्मियों को बल प्रयोग करना पड़ा।
यह पूरी तरह से सुरक्षा का मामला था लेकिन एसएसपी के निर्देश के बाद पाकबाड़ा थाने में पुलिस ने अखिलेश यादव और 20 अन्य समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया। यह भारतीय लोकतंत्र के लिए घातक और एक गलत परंपरा है कि सरकार प्रदेश के प्रमुख विपक्षीदल के नेता के खिलाफ फर्जी तरीके से मुकदमा लिख दें। जिसके कारण प्रदेशभर के समाजवादियों में जनाक्रोश व्याप्त है। राज्यपाल से मांग है कि इस फर्जी मुकदमे को वापस लिया जाए अन्यथा समाजवादी पार्टी प्रदेश व्यापी आंदोलन के लिए बाध्य होगी।
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