डॉ0 एस0 चंद्रा
देवरिया : पति का कर्ज चुकाने के लिए पत्नी ने अपनी एक किडनी बेचने का निर्णय लिया है। उसने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर मार्गदर्शन मांगा है। स्कूल संचालक बंगाली परिवार लाकडाउन में विद्यालय बंद होने से 10 लाख के कर्जे में दबा हुआ है।
कोलकाता निवासी तन्मय दत्ता 1999 में शिक्षण कार्य के लिए रुद्रपुर आए थे। 2006 में उन्होंने किराए के मकान में बंगाल ब्लूमर्स के नाम से स्कूल चलाने लगे। पिछले साल लॉकडाउन के कारण बच्चों ने फीस जमा नहीं किया।
इससे पहले तन्मय दत्ता ने स्कूल के लिए भी जमीन खरीद कर निर्माण कार्य प्रारंभ करा दिया था। स्कूल की जमीन बेचकर उन्होंने कुछ कर्जा चुका दिया। लेकिन अब भी करीब 10 लाख कर्ज बचा है। जिसे देखते हुए उनकी पत्नी शर्मिष्ठा दत्ता अपनी एक किडनी बेचने का निर्णय ले लिया है। शर्मिष्ठा दत्ता ने बताया कि उनकी बड़ी बेटी श्रेया दत्ता गोरखपुर में इंटर की पढ़ाई कर रही है। वह इंजीनियर बनना चाहती है। लेकिन उसका फीस नहीं दे पा रही हैं। दूसरी बेटी नौवीं की पढ़ाई कर रही है। जबकि छोटा बेटा श्रीजीत 5 वर्ष का है। वह सुन नहीं पाता है।
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