डॉ0 एस0 चंद्रा
लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर चित्रकूट जेल में हुई हिंसा के मामले में शुक्रवार को देर रात शासन ने जिला कारागार चित्रकूट के अधीक्षक एसपी त्रिपाठी और जेलर महेंद्र पाल को निलंबित कर दिया है। जेल अधीक्षक को पहली नजर में प्रशासनिक अक्षमता, दायित्यों के प्रति उदासीनता और कर्तव्यविमुखता का दोषी पाया गया है। निलंबन के साथ ही जेल अधीक्षक को डा. संपूर्णानंद कारागार प्रशिक्षण संस्थान लखनऊ से संबद्ध किया गया है।
दोनों अधिकारियों के खिलाफ उ.प्र. सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली-1999 के नियम सात के तहत अनुशासनिक कार्यवाही भी शुरू की गई है। निलंबन का आदेश अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने जारी किया है। शासन ने यह कार्रवाई डीजी जेल की रिपोर्ट मिलने के बाद की है।
अशोक कुमार सागर बनाए गए जेल अधीक्षक
जेल अधीक्षक व कारापाल के निलंबन के बाद शासन ने जिला कारागार कासगंज के अधीक्षक अशोक कुमार सागर को जिला कारागार चित्रकूट के जेल अधीक्षक तथा जिला कारागार अयोध्या के कारापाल सीपी त्रिपाठी को जिला कारागार चित्रकूट में कारापाल के पद पर स्थानांतरित किया है।
उप महानिरीक्षक कारागार लखनऊ परिक्षेत्र संजीव त्रिपाठी को उप महानिरीक्षक कारागार प्रयागराज के पद पर स्थानांतरित किया गया है। इन्हें अयोध्या परिक्षेत्र का अतिरिक्त प्रभार भी दिया गया है। वरिष्ठ अधीक्षक कारागार मथुरा शैलेंद्र कुमार मैत्रेय को उप महानिरीक्षक कारागार मुख्यालय और उप महानिरीक्षक कारागार लखनऊ परिक्षेत्र का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। स्थानांतरित अधिकारियों को तत्काल नवीन तैनाती वाले कार्यस्थल पर कार्यभार ग्रहण करने के निर्देश दिए गए हैं।
सीएम के निर्देश पर हुई तत्काल जांच, रिपोर्ट पर कार्रवाई
चित्रकूट जेल में तीन बंदियों की हत्या होने की घटना का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महानिदेशक कारागार आनंद कुमार से इस मामले में छह घंटे के अंदर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए थे। आयुक्त चित्रकूट डीके सिंह, पुलिस महानिरीक्षक चित्रकूट के. सत्यनारायण और उप महानिरीक्षक कारागार मुख्यालय संजीव त्रिपाठी की संयुक्त टीम की रिपोर्ट मिलने पर शासन स्तर से यह कार्यवाही की गई है।
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