गोरखपुर, कोविड टीके की पहली डोज के भरोसे के सामने कोरोना बौना साबित हो गया। होम आइसोलेशन में रहते हुए शहर के मोहद्दीपुर निवासी दम्पत्ति का टीके की पहले डोज के कारण आत्मविश्वास का स्तर इतना अधिक था कि घर में रह कर कोविड को मात दे दिया। 54 वर्षीय पत्नी को शुगर और ब्लड प्रेशर की सहरूग्णता थी तो 62 वर्षीय पति अस्थमा से पीड़ित थे। यह सच्ची कहानी है सुकीर्ति अस्थाना और उनके पति अतुल अस्थाना की। अब दोनों लोग स्वस्थ हैं और कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन कर रहे हैं। दम्पत्ति ने 45 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों से अपील की है कि वह कोविड का टीका अवश्य लगवाएं। टीका लगवाने के बाद भी मॉस्क, दो गज की दूरी समेत सभी कोविड नियमों की सख्ती से पालन करें।
सुकीर्ति अस्थाना ने बताया कि उनके पति ने 60 वर्षीय श्रेणी में मार्च में ही टीके की पहली डोज ले ली थी और उन्होंने 45 वर्ष से अधिक वाली श्रेणी में अप्रैल की शुरूआत में टीका लगवाया था। अतुल के टीके की दूसरी डोज का समय आते ही उनको फीवर हुआ। दम्पत्ति ने तनिक भी देरी नहीं की और प्रोटोकॉल से जुड़ीं दवाएं, पल्स ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर का प्रबंध कर लिया। जांच का इंतजार न करते हुए प्रोटोकॉल की दवाएं शुरू कर दीं। अप्रैल में टीके की पहली डोज लेने के थोड़े दिन बाद ही सुकीर्ति में भी कोविड के लक्षण आने लगे। जांच में दोनों लोगों को कोविड की पुष्टि हुई।
अतुल और सुकीर्ति ने अलग-अलग कमरों में खुद को आइसोलेट कर लिया। उन लोगों की देखभाल बेटे अक्षय ने शुरू की। सुकीर्ति बताती हैं कि सहरूग्णता के कारण खुद की और पति की चिंता लगी रहती थी, लेकिन टीके की पहली डोज के कारण आत्मविश्वास भी बढ़ा हुआ था। शुभचिंतकों ने भी मनोबल बढ़ाया। बीच में स्वास्थ्य काफी खराब हुआ लेकिन धीरे-धीरे करके दोनों लोग ठीक हो गये। सेवा करने के दौरान बेटा भी कोविड पॉजीटिव हो गया लेकिन वह भी ठीक हो गया। दम्पत्ति का मानना है कि टीके ने उनके ठीक होने में अहम भूमिका निभाई। इसलिए जिसकी भी बारी आए उसे टीका अवश्य लगवा लेना चाहिए।
कोई दुष्प्रभाव नहीं
सुकीर्ति का कहना है कि टीके का कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है। उनके पति को तो टीके से बुखार भी नहीं आया था। उनको दो-तीन दिन हल्का बुखार आया था। टीके से उन्हें फायदा हुआ है न कि कोई नुकसान। इस बात पर जोर दिया कि अस्थमा, शुगर जैसी बीमारियों के मरीज भी टीका लगवा सकते हैं।
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