चौरीचौरा टाइम्स न्यूज डेस्क
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने कहा कि कोविड के मामले ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में शहरी क्षेत्र में ज्यादा पाए गए। शहरी क्षेत्र में पार्षदगण का काफी प्रभाव रहता है और समुदाय उनसे सीधे तौर पर जुड़ा रहता है। अगर पार्षदगण लोगों को टीकाकरण का महत्व बताएंगे, उनके मन की भ्रांतियां दूर करेंगे और पंजीकरण में सहयोग करेंगे तो निश्चित तौर पर लोग टीकाकरण के लिए आगे आएंगे। अभिमुखीकरण में इस बात पर जोर दिया गया कि 45 वर्ष से अधिक उम्र वालों को हर वार्ड में चिन्हित कर टीकाकरण बूथ तक पहुंचाया जाए। कोविन पोर्टल पर पंजीकरण के बारे में भी जानकारी दी गयी। कार्यक्रम के दौरान पार्षदों ने सवाल पूछ कर अपनी शंकाओं का समाधान भी किया। अभिमुखीकरण कार्यक्रम को सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफॉर) के क्षेत्रीय समन्वयक वेद प्रकाश पाठक ने भी संबोधित किया।
टीकाकरण ही सशक्त विकल्प
डॉ. नीरज कुमार पांडेय ने बताया कि कोविड से बचाव का मॉस्क, दो गज की दूरी और हाथों की स्वच्छता के अलावा एक सशक्त विकल्प टीकाकरण ही है । यह देखा गया है कि टीका लगवाने वाले भी कोविड पॉजिटिव तो हुए लेकिन उनमें जटिलताएं कम सामने आईं और मृत्यु तो न के बराबर हुई। इसलिए सभी लोगों को कोविन पोर्टल पर पंजीकरण करवा कर कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए टीकाकरण करवाना चाहिए। टीकाकरण के बाद भी कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना है। जिन लोगों को पहली डोज लगवाने के बाद कोविड हो जाए उन्हें ठीक होने के तीन माह बाद दूसरी डोज लेनी है।
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