गोरखपुर,( पवन गुप्ता )उत्तर प्रदेश भारत का चौथा बड़ा राज्य है और देश के अन्दर तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था है। 2011 की जनगणना के अनुसार उत्तर प्रदेश की आबादी लगभग 19.95 करोड़ है। उत्तर प्रदेश श्रमबल की दृष्टि से देश में प्रथम स्थान पर है।
उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरीडोर एक बहुआंकाक्षी परियोजना है, जो भारतीय रक्षा क्षेत्र को मजबूत करने के साथ-साथ विदेशी निर्भरता में भी कमी करेगी। 11 अगस्त, 2018 को अलीगढ़ में आयोजित एक बैठक के दौरान इस क्षेत्र में करीब 3700 करोड़ रूपये निवेश की घोषणा की गई थी। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस वे इण्डस्ट्रियल डेवलपमेन्ट अथॉरिटी इस परियोजना के लिए नोडल एजेंसी का काम करेगी। यह परियोजना मुख्यतः 6 नोड में संचालित की जाएगी, जिनमें लखनऊ, कानुपर, झांसी, आगरा, अलीगढ़, चित्रकूट शामिल है। यह परियोजना उत्तर प्रदेश के मध्य पूर्व और पश्चिम क्षेत्र में विस्तारित है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इस परियोजना से सम्बन्धित सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस विस्तारित करने के लिए आई0आई0टी0 कानपुर और आई0आई0टी0 बी0एच0यू0 को मान्यता दी गई है। इस परियोजना के लिए निवेश आकर्षित करने के उद्देश्य से सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश डिफंेस एण्ड एयरोस्पेस यूनिट एण्ड एम्प्लायमेण्ट प्रमोशन पॉलिसी (पहला संशोधन) 2019 प्रकाशित किया गया है। सरकार द्वारा डिफेंस कॉरिडोर के लिए इण्डस्ट्रियल प्लॉट एलॉटमेण्ट के लिए गाइडलाईन जारी की गई है। उत्तर प्रदेश डिफेंस कॉरिडोर परियोजना के विभिन्न नोड्स के लिए यूपीडा और अन्य कम्पनियों के बीच लगभग 32 एम0ओ0यू0 पर साइन किए जा चुके हैं। चिन्हित समस्याओं के समाधान के लिए यूपीडा और इण्डियन नेवी के बीच 13 अगस्त, 2020 को एम0ओ0यू0 पर साइन किए जा चुके हैं। डिफेंस कॉरिडोर के 6 नोड्स में से अलीगढ़ नोड के लिए निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। इस हेतु सड़क निर्माण किया जा रहा है साथ ही बिजलीघर भी स्थापित किया जा रहा है। पहले चरण में फैक्ट्रियों में अगले कुछ वर्षों मंे उत्पादन शुरू होने की सम्भावना है। अलीगढ़ नोड 4 चरणों मंे विकसित किया जायेगा। अलीगढ़ कॉरिडोर खासा महत्व रखता है। क्योंकि यह नोड एनसीआर के करीब होने से ज्यादा क्षमतावान साबित होगा। साथ ही अलीगढ़ नोड अन्तर्राष्ट्रीय जेवर एयरपोर्ट से 46 किमी, अलीगढ़ जक्शन से 15 किमी और धनीपुर एयरपोर्ट से 16 किमी की दूरी पर है। निवेशकों द्वारा अलीगढ़ नोड में रूचि दर्शाने का एक बड़ा कारण अच्छी परिवहन सेवा होना है।
डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर भारतीय रक्षा क्षेत्र को मजबूती प्रदान करेगा। यह परियोजना वैश्विक परिदृश्य में देश का मान बढ़ाएगी। इससे भारत का रक्षा आयात कम होगा जिससे पंूजी के बहिर्गमन पर अंकुश लगेगा साथ ही रक्षा उपकरणों के निर्यात की भी संभावनाएं बनेगी। इस कॉरिडोर से उत्तर प्रदेश रक्षा उपकरणों के हब के रूप में विकसित होगा। इस परियोजना से स्थानीय निवासियांे को रोजगार प्राप्त होगा जिससे लोगों की आय मंे वृद्धि होगी साथ ही अनुषंगी रोजगार भी सृजित होंगे।
अगर इस परियोजना पर समग्रता से विचार किया जाए तो यह प्रदेश में रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के साथ-साथ उत्तर प्रदेश को रक्षा हब बनाने में महत्वपूर्ण साबित होगी।
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