गोरखपुर, (रामकृष्ण पट्टू) परिवार नियोजन के आठ प्रमुख साधन हैं, जो पूरी तरह सुरक्षित भी हैं । इन साधनों में से दम्पति कोई भी मनपसंद साधन अपना सकते हैं । यह कहना है परिवार नियोजन कार्यक्रम से जुड़े जिला स्तरीय प्रशिक्षक डॉ. संजय त्रिपाठी का । वह बताते हैं कि नव दम्पति जब तक बच्चा न चाहें तब तक अस्थायी साधनों का प्रयोग कर सकते हैं, जब तक महिला की उम्र 20 वर्ष न हो जाए । पहला बच्चा होने के बाद तीन साल तक अस्थायी साधनों का विकल्प चुना जा सकता है । गर्भसमापन या गर्भपात के बाद भी छह माह तक परिवार नियोजन का साधन अपनाना है ।
डॉ. त्रिपाठी का कहना है कि सभी साधन सुरक्षित हैं और चिकित्सक, स्टॉफ नर्स और परिवार नियोजन काउंसलर की मदद से उचित परामर्श से सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर दिया जाता है । परिवार नियोजन के स्थायी साधन यानि नसबंदी को पुरुष और महिलाएं दोनों अपना सकते हैं । उन पुरुषों को नसबंदी करवानी चाहिए जो शादी-शुदा हों और जिनकी उम्र 60 वर्ष से कम हो । उनके पास कम से कम एक बच्चा होना चाहिए जिसकी उम्र एक वर्ष से अधिक हो । पुरुष नसबंदी तभी करवानी चाहिए जब पत्नी ने नसबंदी न करवाई हो । पुरुष नसबंदी कभी भी करवाई जा सकती है ।
हौसला साझेदारी के तहत नसबंदी की सेवा दे रहीं सूर्या क्लिनिक की सर्जन डॉ. बुसरा का कहना है कि महिला नसबंदी प्रसव के सात दिन के भीतर, माहवारी शुरू होने के सात दिन के भीतर और गर्भपात होने के तुरंत बाद या सात दिन के अंदर करवाई जा सकती है । वह महिलाएं इस साधन को अपना सकती हैं जिनकी उम्र 22 वर्ष से अधिक और 49 वर्ष से कम हो । दम्पत्ति के पास कम से कम एक बच्चा हो जिसकी उम्र एक वर्ष से अधिक हो । पति ने पहले नसबंदी न करवाई हो और सुनिश्चित कर लें कि महिला गर्भवती न हो और प्रजनन तंत्र में संक्रमण न हो । महिला की सहमति भी नितांत आवश्यक है।
गर्भनिरोधन के छह अस्थायी साधन
• आईयूसीडी को माहवारी के शुरू होने के 12 दिन के अंदर या असुरक्षित यौन संबंध के पांच दिन के अंदर अपना सकते हैं । यदि लाभार्थी के पेडू में सूजन, एड्स या यौन संचारित संक्रमण का खतरा हो, यौनि से असामान्य रक्तस्राव हो, ग्रीवा, गर्भाशय या अंडाशय का कैंसर हो तो यह साधन नहीं अपनाया जाना चाहिए ।
• प्रसव के बाद पीपीआईयूसीडी 48 घंटे के अंदर या प्रसव के छह सप्ताह बाद लगवायी जा सकती है । पानी की थैली (झिल्ली) फट जाने के 18 घंटे बाद प्रसव होने की स्थिति में, प्रसव पश्चार बुखार एवं पेटदर्द होने पर, योनि से बदबूदार स्राव या प्रसव के पश्चात अत्यधिक रक्तस्राव होने पर यह साधन नहीं अपनाया जाना चाहिए । गर्भपात होने के बाद तुरंत या 12 दिन के अंदर इसे अपना सकते हैं, बशर्ते आईयूसीडी संक्रमण या चोट न लगा हो ।
• त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन प्रसव के छह सप्ताह बाद, तुरंत बाद, माहवारी शुरू होने के सात दिन के अंदर, गर्भपात होने के तुरंत बाद या सात दिन के अंदर लगवाया जा सकता है । यह इंजेक्शन उच्च रक्तचाप (160 या 100 से अधिक), अकारण योनि से रक्तस्राव, प्रसव के छह सप्ताह के भीतर, स्ट्रोक या मधुमेह की बीमारी, स्तन कैंसर (पहले या बाद में) और लीवर की बीमारी की स्थिति में नहीं अपनायी जानी चाहिए । इसे चिकित्सक की परामर्श से ही अपनाना है ।
• साप्ताहिक छाया गोली प्रसव के तुरंत बाद, माहवारी शुरू होने से पहले, गर्भपात होने के तुरंत या सात दिन के अंदर अपना सकते हैं । जिन महिलाओं के अंडाशय में सिस्ट, बच्चेदानी के मुंह में बदलाव, पीलिया या लीवर के बीमारी का इतिहास, किसी भी प्रकार की एलर्जी और टीबी या गुर्दे जैसी कोई गंभीर बीमारी हो तो वह इस साधन को न अपनाएं ।
• कंडोम का इस्तेमाल पुरुष कभी भी कर सकते हैं । यह अनचाहे गर्भ के अलावा यौन संक्रमण और एचआईवी या एड्स से भी बचाता है ।
• गर्भनिरोधक गोली माला एन प्रसव के छह महीने बाद (केवल स्तनपान की स्थिति में), प्रसव के तीन सप्ताह बाद, माहवारी शुरू होने के पांच दिन के अंदर, गर्भपात होने के तुरंत या सात दिन के अंदर अपना सकते हैं । यह गोली पीलिया होने या पीलिया का इतिहास होने पर, स्ट्रोक, लकवा या ह्रदय रोग, 35 वर्ष से अधिक उम्र की धुम्रपान करने वाली महिलाओं, उच्च रक्तचाप (140 या 90 से अधिक) या माइग्रेन की स्थिति में नहीं लेनी है ।
मिलती है प्रोत्साहन राशि
महिला नसबंदी पर 1400 रुपये, प्रसव पश्चात नसबंदी पर 2200 रुपये, पुरुष नसबंदी पर 2000 रुपये, प्रसव बाद पीपीआईयूसीडी लगवाने पर 300 रुपये और गर्भपात के बाद आईयूसीडी लगवाने पर 300 रुपये लाभार्थी के खाते में देने का प्रावधान है । प्रेरक आशा कार्यकर्ताओं को भी प्रोत्साहन राशि दी जाती है।
पंकज आनंद, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें