गोरखपुर, (रामकृष्ण पट्टू)कोविड की तीसरी लहर की आशंकाओं के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग ने ग्रामीण क्षेत्रों में भी मुकम्मल तैयारियां पूरी कर ली हैं । बच्चों के इलाज के लिए भी इंतजाम किये गये हैं । ग्रामीण इलाकों के चार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) और 100 बेड टीबी अस्पताल पर बच्चों को भर्ती करने और इलाज करने की सुविधा मुहैय्या हो गयी है । मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुधाकर पांडेय ने बताया कि सभी अस्पतालों पर मॉक ड्रिल करवाया जा चुका है । लोगों को सामुदायिक सहयोग के जरिये प्रयास करना चाहिए की तीसरी लहर जैसी स्थिति आने ही न पाए ।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा है कि अगर लोग मॉस्क लगाएं, हाथों को स्वच्छ रखें और दो गज की दूरी के नियम का पालन करें तो बीमारी को रोका जा सकता है । कोविड टीकाकरण सभी लोग आवश्यक तौर पर करवाएं । चूंकि बच्चों के लिए अभी टीका नहीं आया है, इसलिए इस बार कोविड की तैयारियों में बच्चों के लिए विशेष इंतजाम हैं, हांलाकि व्यवहार परिवर्तन के जरिये तीसरी लहर को रोका जा सकता है। इसलिए बच्चों को भी कोविड प्रोटोकॉल के प्रति सतर्क रखें और खासतौर से जो बच्चे स्कूल जा रहे हैं, उनकी निगरानी शिक्षक और अभिभावकों के जरिये की जाए। बुखार का कोई भी लक्षण दिखे तो फौरन चिकित्सक से संपर्क करें ।
यह इंतजाम पूरे हुए
जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. ए.के. चौधरी ने बताया कि हरनही, चौरीचौरा, बड़हलगंज और कैंपियरगंज सीएचसी पर 10-10 बेड बच्चों के लिए आरक्षित किये गये हैं । इनमें दो बेड हाई डिपेंडेंसी यूनिट (एचडीयू) के, छह बेड ऑक्सीजन युक्त और दो बेड बिना ऑक्सीजन के होंगे । इसी प्रकार 100 बेड टीबी अस्पताल में 40 बेड बच्चों के लिए आरक्षित होंगे । इन 40 बेड में से 20 एचडीयू के जबकि 20 बेड ऑक्सीजन युक्त होंगे । इन सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन जेनरेटर प्लांट लगाए जा चुके हैं । कोविड के लिए जिले की कुल एंबुलेंस में से 25 एंबुलेंस रिजर्व रखे गये हैं । बच्चों के बीमारी के मामले में आवश्यकता पड़ने पर 102 नंबर एंबुलेंस की सेवा भी ली जाएगी । पूर्व की भांति 52 निजी अस्पताल भी कोविड के इलाज के लिए अधिकृत होंगे। आवश्यकतानुसार और भी निजी अस्पताल अधिकृत किये जाएंगे । जिन अस्पतालों में बच्चों के इलाज की सुविधा होगी, उनमें बच्चों के इलाज के लिए आवश्यकतानुसार बेड आरक्षित किये जाएंगे ।
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