गोरखपुर, 18 दिसम्बर 2021देश के साथ-साथ जिले को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के उद्देश्य से मलिन बस्ती तक जागरूकता संदेश पहुंचाया जा रहा है । राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के तहत जिला क्षय रोग कार्यालय की टीम ने शनिवार को लायंस क्लब के सहयोग से महानगर के अचवापुर रविदास मंदिर में जनजागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया । क्लब ने दो टीबी ग्रसित बच्चों को गोद लिया और सभी लोगों को सामुदायिक सहभागिता की शपथ दिलाई गयी ।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. रामेश्वर मिश्र के दिशा-निर्देश पर जिले के सभी ब्लॉक स्तरीय अस्पतालों पर भी शपथ ग्रहण और समुदाय को संवेदीकृत करने के संकल्प कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं । मलिन बस्ती में हुए आयोजन में लायन जयंत पाठक और विजय कुमार राव ने 15 वर्ष और 12 वर्ष के दो अलग-अलग टीबी रोगियों को गोद लिया । पाथ संस्था से सलाहकार डॉ. नीरज किशोर पांडेय ने लोगों को टीबी के बारे में विस्तार से जानकारी दी ।
इस मौके पर मौजूद लोगों को बताया गया कि दो सप्ताह या अधिक समय तक खांसी आना, खांसी के साथ बलगम आना, बलगम में कभी-कभी खून आना, सीने में दर्द होना, शाम को हल्का बुखार आना, वजन कम होना और भूख न लगना टीबी के सामान्य लक्षण हैं । ऐसे टीबी के संभावित मरीज दिखें तो उनकी टीबी की निःशुल्क जांच नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर अवश्य करानी चाहिए ।
निक्षय पोषण योजना की दी जानकारी
एनटीईपी के पब्लिक प्राइवेट मिक्स कोआर्डिनेटर अभय नारायण मिश्र ने लोगों को बताया कि टीबी मरीज को निक्षय पोषण योजना के तहत इलाज होने तक 500 रुपये खाते में दिया जाता है । यह पैसे इसलिए दिये जाते हैं ताकि मरीज को पौष्टिक आहार मिल सके और वह जल्दी स्वस्थ हो ।
यह शपथ दिलाई गयी
इस मौके पर लोगों ने शपथ ली, ‘‘हम सभी आज शपथ लेते हैं कि समाज से क्षय रोग के उन्मूलन हेतु हम अपने समाज को जागरूक करेंगे और अपने आसपास के संभावित क्षय रोगी को उपचार कराने के लिए प्रेरित करेंगे तथा टीबी के कलंक को मिटाते हुए समाज को क्षय रोग से मुक्त करने में अपना सहयोग प्रदान करेंगे ।’’’ इस मौके पर जिला समन्वयक धर्मवीर प्रताप सिंह, विभाग की तरफ से गोविंद कुमार, भरत जायसवाल, सूर्य प्रकाश पांडेय, राकेश चंद्र यादव, राकेश कुमार जायसवाल और संतोष कुमार गर्ग प्रमुख तौर पर मौजूद रहे।
जिले में 225 बाल रोगी गोद लिये गये
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. रामेश्वर मिश्र का कहना है कि बाल टीबी रोगियों को गोद लेने का आशय है कि उनकी देखरेख करते रहना। उनकी दवा न बंद होने पाए। उनकी आवश्यक पोषक सामग्री से मदद करनी चाहिए । जिले में इस समय ऐसे 225 बाल रोगी हैं जिन्हें गोद लिया गया है और जिनकी गहन देखरेख में उपचार चल रहा है । जनपद में कुल बाल रोगियों की संख्या इस समय 917 है । बाकी बच्चों को भी गोद लेने के लिए लोगों को आगे आना चाहिए।
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